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इंदौर की अर्चना प्रसाद ने जीता मिसेज सेंट्रल इंडिया क्वीन का खिताब
एशिया मे होने वाले मिसेज इंटरनेशनल पेंजेट में जल्द ही इंडिया का प्रतिनिधित्व करेंगी अर्चना
इंदौर। खुद में विश्वास हो, तो मंजिल मुश्किल नहीं…इस बात को एक बार फिर सच कर दिखाया इंदौर की अर्चना प्रसाद ने। उन्होंने न सिर्फ ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लेकर इंदौर का नाम रोशन किया बल्कि उन वुमंस को मोटिवेट भी किया, जो शादी के कुछ साल बीत जाने पर सिर्फ हाउसवाइफ बनकर रह जाती है।
अर्चना प्रसाद ने पिछले दिनों पूना में हुई दिवा मिसेज सेंट्रल इंडिया ब्यूटी पेंजेट में हिस्सा लेकर टॉप फाइव फाइनलिस्ट में जगह बनाई और मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इनस पेंजेट को लेकर अर्चना का कहना है कि हमेशा कुछ करने की इच्छा मेरे अंदर शुरु से ही रही है। मीडिया और ग्लैमर वर्ल्ड में शामिल होने के लिए मैंने जो उम्मीदें मन में संजोई थी, उसे पहली सीढ़ी नेशनल टेलीविजन के शो से मिली, जिसमें मैंने अपनी बेटी को पार्टीसिपेट कराया था।
मुंबई से शुरु हुआ सफर
पति के रेवेन्यु आॅफिसर होने के चलते अकसर देश के कई शहरों में जाने का मौका मिला। जब हम मुंबई में थे, तब मैंने बतौर मॉडल अपना कॅरियर 2013 में वहीं से शुरु किया। इस दौरान मैंने शोज में मॉडलिंग की और टीवी एड में भी किए।
इंदौर ने बढ़ाया हौंसला
अर्चना का कहना है कि इंदौर में रहने के दौरान जब मुझे पता चला कि इस शो के आॅडिशन हो रहे है, तो मैंने पूना जाकर आॅडिशन दिए और मुझे सिलेक्शन टीम से फाइनलिस्ट बनने का कमेंट मिला,इस कमेंट ने मेरे सपनों को पंख लगा दिए, फिर मैंने अपनी पूरी मेहनत इस पेंजेट में आगे बढ़ने में लगा दी।
जुम्बा से किया वेट कंट्रोल
इस पेंजेट की तैयारी को लेकर अर्चना ने बताया कि मैंने 2007-08 में मॉडलिंग से ब्रेक लेने के बाद मैं सिर्फ हाउसवाइफ वाली लाइफ को इंजाय कर रही थी। इसलिए वेट भी बढ़ गया था। पेंजेट के लिए वेट कम करना चैलेंज था। इसलिए मैं जुम्बा करना शुरु किया और मुझे इसमें बहुत हेल्प मिली।
डाइट कंट्रोल करना था मुश्किल
उन्होंने बताया कि पेंजेट में सबसे ज्यादा कठिन मुझे डाइट कंट्रोल करना लगा। क्योंकि इंदौर आने के बाद ज्यादातर समय में सिर्फ खाने के लिए ही बाहर निकलती थी। बहुत मुश्किल से डाइट कंट्रोल की और कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों की मदद ली। सबसे पहले फूड हैबिट कंट्रोल की।
बेटी की खुशी ने बढ़ाया उत्साह
अर्चना का कहना है कि मैंने इस पेंजेट पर पार्टीसिपेशन की बात आॅडिशन में सिलेक्ट होने के बाद बताई। मेरे सिलेक्शन का सुनते ही वह बहुत खुश हुई और उसनें मुझे बहुत मोटीवेट किया। उसकी खुशी ने मुझे इस कॉम्पीटिशन में जीत के लिए बहुत अधिक प्रोत्साहित किया।